ओपनिंग:
अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) की कंपनियों R Power Share और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर्स में इन दिनों जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। बुधवार (11 जून, 2025) को सुबह के कारोबार में रिलायंस पावर के शेयर्स 5% से ज्यादा चढ़े, जबकि पिछले एक महीने में यह 70% से अधिक बढ़ चुके हैं। वहीं, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर्स ने भी पिछले महीने 60% की छलांग लगाई है।
लेकिन सवाल यह है कि आखिर क्या वजह है इस रैली की? आइए जानते हैं पूरी डिटेल्स।
रिलायंस पावर: कमाई और प्रोजेक्ट्स ने बदली किस्मत
- Q4 रिजल्ट्स ने दिखाई रोशनी:
- पिछले साल की इसी तिमाही (Q4 FY24) में ₹397.56 करोड़ के नुकसान के मुकाबले, इस साल (Q4 FY25) कंपनी ने ₹125.57 करोड़ का मुनाफा दिखाया।
- EBITDA ₹590 करोड़ रहा, और डेट-टू-इक्विटी रेश्यो 0.88:1 पर सुधरा, जो इंडस्ट्री में सबसे कम है।
- नए प्रोजेक्ट्स से मिला बढ़ावा:
- SJVN (एक नवरत्न PSU) ने रिलायंस पावर की सब्सिडियरी को 350 MW सोलर प्रोजेक्ट और 175 MW/700 MWh बैटरी स्टोरेज सिस्टम का ठेका दिया।
- इससे कंपनी को 25 साल तक ₹3.33/यूनिट की फिक्स्ड टैरिफ पर कमाई का भरोसा मिला।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर: डिफेंस सेक्टर में जमकर जमीन
- जर्मनी की Diehl Defence के साथ साझेदारी:
- कंपनी ने गाइडेड म्यूनिशन्स (मिसाइल तकनीक) के क्षेत्र में जर्मन कंपनी के साथ स्ट्रैटेजिक कोऑपरेशन बढ़ाया।
- यह डील 2019 के समझौते को आगे बढ़ाती है, जिससे भारत के डिफेंस सेक्टर में रिलायंस इंफ्रा की पकड़ मजबूत हुई है।
- एयरक्राफ्ट अपग्रेड बिजनेस:
- कंपनी ने ₹5,000 करोड़ के एयरक्राफ्ट अपग्रेड प्रोजेक्ट्स पर फोकस करने की योजना बनाई है। यह प्राइवेट सेक्टर का पहला ऐसा प्रयास होगा।
एक्सपर्ट व्यू: क्यों चमक रहे हैं ADAG के शेयर्स?
SMC ग्लोबल सिक्योरिटीज की अनालिस्ट सीमा श्रीवास्तव के मुताबिक:
- कानूनी दिक्कतों से छुटकारा: NCLAT ने रिलायंस पावर के इनसॉल्वेंसी केस पर रोक लगाई, और रिलायंस कैपिटल का ₹9,650 करोड़ डील से समाधान हुआ।
- डेट कम हुआ: रिलायंस इंफ्रा का स्टैंडअलोन डेट लगभग शून्य हो गया है।
- निवेशकों का भरोसा: फाइनेंशियल क्लीनअप और नए प्रोजेक्ट्स ने इन शेयर्स को “टर्नअराउंड स्टॉक” की कैटेगरी में ला खड़ा किया है।
निष्कर्ष: क्या अभी भी हैं मौके?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ADAG ग्रुप के शेयर्स में अभी और उछाल की गुंजाइश है, खासकर डिफेंस और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में उनकी बढ़त को देखते हुए। हालाँकि, निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।